देश में जब कोरोना महामारी का प्रकोप था और लाखों लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे थे, तब केंद्र सरकार ने एक दूरदर्शी योजना की शुरुआत की — जिसका नाम था Aatmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY)। यह योजना खासकर उन नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी, जो आर्थिक संकट के कारण अपनी नौकरी या कार्यक्षमता खो बैठे थे।
2025 में जब भारत वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भरता की दिशा में और आगे बढ़ चुका है, ऐसे में ABRY योजना फिर से चर्चा में है। यह योजना न सिर्फ युवाओं को नई नौकरियों के अवसर देती है, बल्कि नियोक्ताओं को भी आर्थिक राहत प्रदान करती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह योजना क्या है, कैसे काम करती है और कौन इससे लाभ उठा सकता है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) क्या है?
Aatmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसे 1 अक्टूबर 2020 से लागू किया गया था। इसका उद्देश्य देश में रोजगार को बढ़ावा देना था। योजना के अंतर्गत सरकार उन संगठनों को EPF (Employees Provident Fund) का हिस्सा योगदान करती है, जो नए कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं।
सरल शब्दों में कहा जाए, तो यह एक ऐसी योजना है जिसमें अगर कोई कंपनी नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखती है, तो सरकार उनके लिए 2 साल तक PF का हिस्सा खुद देती है। इससे न सिर्फ कंपनियों पर आर्थिक बोझ कम होता है, बल्कि युवाओं को भी स्थायी रोजगार के अवसर मिलते हैं।

योजना का लाभ किसे मिलता है?
इस योजना से दो पक्ष लाभांवित होते हैं — पहला कर्मचारी और दूसरा नियोक्ता (Employer)।
कर्मचारी के रूप में उस व्यक्ति को योजना में शामिल किया जाता है:
- जिसकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है
- जिसकी EPFO में पहली बार रजिस्ट्रेशन हुआ हो
- या जिसने कोविड के दौरान अपनी नौकरी गंवा दी थी और दोबारा 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच नौकरी में शामिल हुआ हो
वहीं नियोक्ता को लाभ तभी मिलता है जब वह:
- नए कर्मचारियों को भर्ती करता है
- कम से कम 100 कर्मचारियों वाले संगठन में कम से कम 2 नए लोग जोड़े जाएं
- 100 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में कम से कम 5 नए लोगों की नियुक्ति हो
सरकार की ओर से क्या सहयोग मिलता है?
इस योजना के अंतर्गत सरकार EPFO के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से कुल 24% योगदान देती है। यानी जहां आम तौर पर 12% कर्मचारी और 12% नियोक्ता PF में जमा करते हैं, वहां यह पूरा योगदान सरकार करती है।
यह सुविधा कर्मचारियों के लिए 2 वर्षों तक उपलब्ध रहती है, जिससे वे स्थिरता के साथ काम कर सकते हैं और कंपनियां भी बिना अतिरिक्त बोझ के उन्हें रोजगार दे सकती हैं।
योजना का लाभ कैसे लें?
यदि आप एक नौकरीपेशा युवा हैं और हाल ही में किसी कंपनी में शामिल हुए हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि:
- आपकी सैलरी ₹15,000 से कम है
- कंपनी आपका PF EPFO पोर्टल पर रजिस्टर कर रही है
- आपका आधार और बैंक खाता लिंक्ड है
कंपनियों को EPFO पोर्टल पर जाकर अपने नए कर्मचारियों की जानकारी अपडेट करनी होती है। इसके बाद सरकार खुद ही उनके PF खाते में योगदान भेजना शुरू कर देती है।
2025 में क्यों बनी यह योजना फिर चर्चा में?
वर्तमान में सरकार रोजगार और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर दे रही है। स्टार्टअप्स, MSMEs और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ-साथ ABRY जैसी योजनाओं को फिर से एक्टिव किया जा रहा है या नए रूप में विस्तार देने की योजना है।
Skill India, PMKVY और ABRY जैसे कार्यक्रम एक-दूसरे के पूरक बनकर काम कर रहे हैं, जिससे युवाओं को न केवल स्किल मिल रही है, बल्कि रोजगार के मौके भी लगातार खुल रहे हैं।
योजना के वास्तविक प्रभावइस योजना की सफलता इस बात से समझी जा सकती है कि मार्च 2022 तक 50 लाख से अधिक कर्मचारियों को योजना के अंतर्गत शामिल किया जा चुका था और सरकार ने ₹22,000 करोड़ से अधिक का EPF योगदान किया था। इससे स्पष्ट है कि यह योजना केवल कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि मिलियन-स्केल पर असर डाल चुकी है।
निष्कर्ष
Aatmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY) युवाओं और रोजगारदाताओं दोनों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल भारत के आत्मनिर्भर अभियान को मजबूती देती है, बल्कि देश की आर्थिक नींव को भी सुदृढ़ बनाती है। यदि सरकार इसे 2025 में नए स्वरूप में पुनः लागू करती है या विस्तार देती है, तो यह लाखों युवाओं के लिए रोज़गार की उम्मीद बन सकती है।
यदि आप एक युवा हैं जो नौकरी की तलाश में हैं या कोई कंपनी चला रहे हैं जो नए लोगों को नियुक्त करना चाहती है, तो ABRY जैसी योजनाओं की जानकारी और इनका सही लाभ उठाना आपका भविष्य बेहतर बना सकता है।